Sasuraal me Chudaai (Hindi Shayari)

चोदने दे तेरी बहन को, मज़ा लेने दे भरपूर,

पति उसका घर नहीं, रहता है वो बहुत दूर।


जब भी आता हूँ ससुराल तो लगता है आया हूँ रंडी बज़ार,

चूत है तेरी माँ की बड़ी महँगी पर लेती मुझसे है सिर्फ़ हज़ार।


चुदाई देख तेरी माँ की तू मुझसे रूठ ना जाना,

नहीं तो वो बना लेगी तेरे मायके को रंडीखाना। 


तेरे बाद तो सिर्फ तेरी माँ बहन का नंबर आता है,

अगर चोद लिया उन्हें मैंने तो तेरे बाप का क्या जाता है।


जब मैं अपनी सास की चूत में ज़ोर ज़ोर से अपना घंटा बजा रहा था,

मेरा ससुर अपनी पत्नी की चुदाई देख अपना लौड़ा हिला रहा था।


जब जाता हूँ ससुराल, मेरी सास और साली के चेहरे खिल जाते हैं, 

दिन रात कर उन दोनों की चुदाई मेरे लौड़े लग जाते हैं।


उठा अपनी साड़ी मेरी सास ने किया मुझे इन्वाईट,

मैंने भी घुसा दिया उसकी चूत में लंड अपना टाईट।


ऊपर कर अपनी साड़ी मेरी सास दिखा रही थी गांड।

मैं भी बिना देर किए चढ़ गया उस पर बनकर खुला सांड।


जब जाता हूँ ससुराल तो सास नहीं छोड़ती एक भी चांस,

बैठ जाती है वो मेरे लौड़े पर दिखा कर अपना सेक्सी डांस। 


किचन में अकेला देख साली का किया ऊपर गाउन, 

उसने भी बिना देर किए कर ली अपनी पैंटी डाउन। 

मैंने कहा चुदवाते वक़्त मुँह बंद रखना, रहना थोड़ा मौन, 

वो बोली चोदो मुझे जीजाजी सब जानते हैं आप हैं मेरे कौन। 


जब थक कर सो गई तू तो तेरी बहन की मैंने मारी गांड, 

इतना चोदा उसे कि वो बन गई मेरी नई नवेली रांड।

उछल उछलकर लण्ड पर मेरे उसने जो गुजारी पूरी रात,

सुन चीखें उसकी, तेरी माँ ने भी मनाई मेरे साथ सुहागरात।।


बीवी को ले जाने के लिए किया मैंने अपनी सास से सौदा,

बिठाकर अपने ससुर को सामने सास को मैंने दनादन चोदा।

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